गुरुवार, 13 अप्रैल 2017

अभिनव प्रयोग करें

सभी शास्त्र
और वैज्ञानिक
कहते हैं सदियों से
गोल है यह धरती एक गेंद की तरह।

चलो आज
हम सब लोग
इस धरती के वासी
उछाल दें इसे दूर आसमान की ओर।

शायद अब
नव निर्माण हेतु
एक नवीन प्रयास
एक अभिनव प्रयोग करके देख लेते हैं।

हो सकता है
हमारी पृथ्वी से
बहुत दूर चले जाएँ
सदा के लिए बढ़ते हुए ये मनोमालिन्य।

कम हो जाएँ
या शायद फिर
समाप्त ही हो जाएँ
दिलों में छा गई ये दूरियाँ दिन-प्रतिदिन।

बह निकलें
एक बार फिर से
ठण्डी-मीठी नेह की
धाराएँ बहाती हुई नदियाँ घर-आँगन में।

यह सुन्दर-सी
शस्य श्यामला
धरती माता हमारी
बन जाए स्वर्ग से भी अधिक सुखदायी।
चन्द्र प्रभा सूद
Email : cprabas59@gmail.com
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