सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड पर चौबीसों घण्टे ईश्वर की नजर रहती है। हर समय, हर पल हम सभी उसकी दिव्य दृष्टि की जद में रहते हैं। उसकी दृष्टि इतनी पैनी है कि कोई भी जीव उससे बच नहीं सकता। इस संसार के निवासी, धरतीवासी कितने भी सीसीटीवी कैमरे लगा लें, उसका मुकाबला नहीं कर सकते। सबसे बड़ी बात यह है कि वहाँ की दिव्य दृष्टि कभी खराब नहीं होती, न ही उसके बंद हो होने की उम्मीद होती है और न ही किसी के नियंत्रण में कोई पक्षपात कर सकता है। दूसरे शब्दों में कहें तो बचने का कोई भी उपाय कारगर साबित नहीं हो सकता।
हमारे छोटे-से-छोटे गुण-दोष भी उसकी पारखी नजर से छूट नहीं सकते, बल्कि उसके कैमरे में सदा के लिए कैद हो जाते हैं। फिर कितने भी यत्न क्यों न किया जाएँ, उन्हें वहाँ से डिलीट नहीं किया जा सकता। परमात्मा का कैमरा इतनी अच्छी क्वालिटी का है जो युगों-युगान्तरों तक ठीक से कार्य करता रहता है। इसमें कभी खराबी नहीं आती। इसलिए इसे सुधारने की आवश्यकता भी नहीं पड़ती।
कितने भी गुप्त रूप से अपराध कर लो, उस प्रभु से बच पाना असम्भव है। उन कृत कर्मों के अपराध का दण्ड भोगने से किसी भी शर्त पर जीव को छुटकारा नहीं मिल सकता। वहाँ किसी की सिफारिश, उच्च पद, रुतबा, अकूत दौलत आदि सब बेमायने हो जाते हैं। मिलता है तो केवल कृत कर्मों के फल का भोग, चाहे वह सुख-समृद्धि के रूप में मिले अथवा दुखों-परेशानियों के रूप में उसे भोगना पड़े।
आजकल सीसीटीवी कैमरे का प्रचलन बहुत बढ़ गया है। चारों ओर जहाँ भी नजर दौड़ाओ ऊँचाई पर लगे हुए ये कैमरे मुँह चिढ़ाते हुए दिखाई दे जाते हैं। शायद ये ईश्वरीय कैमरों की असफल रूप से होड़ करते हुए दिखाई देते हैं। इनका उद्देश्य है किसी भी प्रकार की आपराधिक गतिविधि पर नजर रखना।
घरों, स्कूलों, दफ्तरों, दुकानों, होटलों, बड़े-बड़े मॉल, शोरूम आदि में लगे हुए ये कैमरे वहाँ के कर्मचारियों के साथ-साथ आने-जाने वाले सभी व्यक्तियों की गतिविधियों पर नजर रखते हुए उन्हें अपने में कैद कर लेते हैं। इसकी रिकार्डिंग को देखने से मालिकों को हर प्रकार की जानकारी मिल जाती है। इससे अपराधियों को पकड़ने में सुविधा होती है और उन्हें न्याय-व्यवस्था को सौंपकर आसानी से दण्डित किया जा सकता है।
सड़कों पर भी आजकल लिखा होता है कि आप कैमरे की नजर में है। इसका अर्थ यही होता है कि आप अपनी गति को नियन्त्रित कर लो नहीं तो चालान हो जाएगा। फोन पर बात करोगे तो जुर्माना हो जाएगा अथवा कोई कुकर्म करने पर पकड़ में आ जाएँगे और फिर सजा मिलेगी। कैमरे की नजर शब्द को पढते ही व्यक्ति सावधान हो जाता है और किसी प्रकार के गलत काम को करने से परहेज करता है।
ये इंसान द्वारा बनाया एक उपकरण मात्र है। इसमें चूक की सम्भावना हो सकती है। दूसरे शब्दों में इसमें खराबी आ सकती है अथवा अपराधी इससे छेड़छाड़ करके बचने की कोशिश कर सकता है। यदि घटिया क्वालिटी का कैमरा होगा तो शायद ठीक से काम नहीं करेगा और शीघ्र ही खराब हो जाएगा।
वैसे तो मानव मन किसी भी सीसीटीवी कैमरे से कम नहीं है। इसकी नजर में हर क्षण का ब्यौरा रहता है। यह स्वयं ही सजा देने में सक्षम है। अच्छे कार्य करने पर प्रोत्साहित करता है। देश, धर्म, समाज और घर-परिवार के नियमों के विरुद्ध कार्य करने पर कचोटता रहता है और जब तक उसका प्रायश्चित न किया जाए, तब तक चैन नहीं लेने देता।
हम मनुष्य भूल जाते है कि हम हर समय उस मालिक की आँखों के सीसीटीवी कैमरे की रेंज में हैं जहाँ से भाग जाना असम्भव ही नहीं नामुमकिन है। यदि मनुष्य यह ध्यान रख सकें कि हम हमेशा ईश्वर की नजर में है तो कुमार्गगामी न होकर सन्मार्ग के राही बन जाएँगे।
चन्द्र प्रभा सूद
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गुरुवार, 12 मई 2016
भगवन का सीसीटीवी कैमरा
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