रविवार, 28 सितंबर 2014

शारदीय नवरात्र

शारदीय नवरात्र प्रारंभ हो गए हैं। इन दिनों माँ भगवती की पूजा का विधान है। इस पर्व का प्रभाव देश के विभिन्न भागों में दिखाई देता है।
      इन दिनों लोग व्रत व पूजा करके देवी को विभिन्न तरीकों से प्रसन्न करने का यत्न करते हैं। पंजाब में खेतरी बीजी जाती है जिसका विसर्जन अष्टमी के दिन किया जाता है। उस दिन कन्या पूजन कर उन्हें भोजन, वस्त्र व दक्षिणा दी जाती है। बंगाल में दुर्गापूजा का पर्व धूमधाम से मनाया जाता है और दशहरे पर मूर्ति विसर्जन किया जाता है। गुजरात में इन दिनों गरबे की धूम होती रहती है।
       तांत्रिकों के लिए नवरात्र बहुत महत्वपूर्ण होते हैं। नवरात्रों में तांत्रिक कठोर साधना करते हैं।
         लोग इन दिनों प्रायः फलाहार लेते हैं। कुछ लोग केवल एक समय भोजन खाते हैं और कुछ केवल जल पीकर ही भगवती की अराधना करते हैं।
       नवरात्र में मांसाहार त्यागने का विधान है। कारण है मन की पवित्रता। इन दिनों मन को साधने के लिए व्रत नियम का पालन किया जाता है। मांसाहार तामसिक भोजन कहलाता है इसलिए इसके प्रयोग का लोग अपने घर में नहीं करते। बहुत से ऐसे लोग भी आपको मिलेंगे जो इन दिनों लहसुन और प्याज भी नहीं खाते। कहते हैं जैसा खाओ अन्न वैसा होगा मन। कई लोग इन नौ दिनों में बाल नहीं काटते। बहुत से पुरुष अपनी दाढ़ी नहीं बनाते।
    हर ओर मंदिरों में चहल पहल रहती है, वहाँ हररोज भण्डारे किए जाते हैं। लोग अपने-अपने क्षेत्र में भण्डारे करते हैं, माता की चौकी रखवाते हैं, जागरण कराते हैं व देवी को मनाने का हरसंभव यत्न करते हैं। लोग अपने अपने तरीके से नवरात्र बड़ी श्रद्धा व उल्लास से मनाते हैं।

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