मंगलवार, 17 जुलाई 2018

मोबाइल संस्कृति

मोबाइल संस्कृति आज की नई कोज है। हम सभी इसमें जी रहे हैं। इसलिए प्रायः लोगों के पास दो या तीन मोबाइल हैं। एक या दो साल के बच्चे जो अभी ठीक से बोल भी नहीं पाते, उन्हें भी आज मोबाइल चाहिए होता है। उनके हाथ से यदि जबरदस्ती या उनकी इच्छा के विरुद्ध मोबाइल ले लिया जाए तो वे आसमान सिर पर उठा लेते हैं। कहने का तात्पर्य यह है कि आज मोबाइल के बिना हम जीवन की कल्पना भी नहीं कर सकते। घर में लैंड लाइन फोन हो या न हो पर मोबाइल का होना बहुत जरूरी होता है।
        कम्पीटिशन के इस दौर में इस मोबाइल की महती आवश्यकता है। सारा समय लोग कम्प्यूटर पर नहीं बैठ सकते। इसलिए मोबाइल अधिक आवश्यक हो जाता है। इसे हम कह सकते हैं कि दुनिया हमारी मुट्ठी में है। बच्चों को अपनी स्कूल व कालेज की सारी जानकारी इण्टरनेट के माध्यम से मिलती है। वे अपने प्रोजेक्ट्स इसके माध्यम से कर सकते हैं। अपने गृहकार्य के लिए सहायता ले सकते हैं। वे अपना परीक्षाफल भी इसी के माध्यम से घर बैठे देख सकते हैं। यानी बच्चे और युवा सभी लोग मोबाइल पर इण्टरनेट की सेवा लेकर अपनी शिक्षा में इसका सफलतापूर्वक उपयोग कर रहे हैं।
           हम गूगल से हर विषय औऱ हर भाषा की जानकारी आज एक बटन दबाकर सरलता से प्राप्त कर सकते हैं। जिसका उपयोग करके बच्चे व युवा इस युग में सफलता के सोपान पर चढ़ रहे हैं। रिसर्च स्कॉलर अपनी मनचाही जानकारी प्राप्त करके इच्छानुसार उसका उपयोग करके लाभान्वित होते हैं। सभी लोग अपनी-अपनी आवश्यकता के अनुसार गूगल से लाभ उठाते हैं। आयुप्राप्त वृद्धजन अपने समय का सदुपयोग इस मोबाइल के कारण कर सकते हैं।
            विभिन्न प्रकार की परीक्षाओं के लिए इससे जानकारी जुटाने में सहायता मिल सकती है। शिक्षा में सहायता के अतिरिक्त ऑन लाइन खरीददारी की जा सकती है। देश-विदेश कहीं की यात्रा के लिए रेल, जहाज आदि के टिकट बुक किए जा सकते हैं। होटलों की बुकिंग की जा सकती है। इससे अधिक पैसा लेकर जाने का खतरा नहीं रहता। इन्सान सुविधा से बिना परेशानी के यात्रा का आनन्द उठा सकता है।
          देश-विदेश के सभी कार्यालयों के बीच सम्पर्क बना रहता है। कार्य के घंटे उसी के अनुसार निश्चित किए जाते हैं। इस मोबाइल क्रान्ति के आ जाने से दुनिया वाकई सिमटकर रह गई है। इसलिए देश-विदेश कहीं पर भी हों बिना अतिरिक्त धन व्यय किए वाट्सअप कॉल, फ़ेसबुक कॉल या वीडियो कॉलिंग करके मनुष्य हर समय सुविधा से सम्पर्क में रह सकते हैं।
          इस मोबाइल में एक बहुत कमी यह है कि कभी-कभार हैंग हो जाता है। कभी-कभी इसके सिग्नल नहीं मिलते। बहुत शीघ्र इसकी बैटरी लो हो जाती है। इस कारण उसे रिचार्ज करना पड़ता है। हद टैब होती है जब सभी लाइन व्यस्त हो जाती हैं। बहुत बार किसी बन्धु-बान्धव को फोन लगाओ तो फोन व्यस्त या बिजी होता है। इन समस्याओं का शायद कोई समाधान नहीं हो सकता।
          यह तो हुई भौतिक जगत की चर्चा। अब हम आध्यात्मिक चर्चा करते हैं। ईश्वर के साथ भी हम मोबाइल यानी ध्यान लगाकर बात कर सकते हैं। उस परमात्मा का नम्बर कभी एंगेज नही आता। चाहे एकसाथ लाखों-करोड़ों लोग उससे बातचीत करते रहें। यह मोबाइल नम्बर ऐसा है जो कभी स्विच ऑफ नही होता। हम चाहे जितनी ही देर उस मालिक से बात कर सकते हैं। उस परमेश्वर का नम्बर कभी कवरेज क्षेत्र के बाहर नहीं आता, आप चाहे विश्व के किसी भी कोने में भी चले जाएँ। जल, पृथ्वी और आकाश सर्वत्र उसका फोन मिल जाता है। सर्वत्र  इसका नेटवर्क फूल रहता है।
           परमात्मा से कितनी भी लम्बी बात कर ली जाए हमारी बैटरी कभी डिस्चार्ज नही होती। बिजली हो या न हो बैटरी फूल पड़ी रहती है। जितनी अधिक बात हम उससे करेंगे, उतनी ही चार्ज होती रहती है। उस परमात्मा से बात करने के लिए किसी भी स्थान पर फ्री रोमिंग की व्यवस्था रहती है। यानी उस मालिक से बात करने के लिए कोई भी भौतिक साधन कभी बढ़ नहीं बन सकता। बस हमारे मन में उसे कॉल करके बात करने की भावना होनी चाहिए।
          इस प्रकार भौतिक संसार के भाई-बन्धुओं के साथ-साथ हम ईश्वर से मोबाइल पर चर्चा कर सकते हैं। उससे सम्पर्क करके हम बहुत कुछ पा सकते हैं। आवश्यकता है तो बस हमारी इच्छाशक्ति और विश्वास की।
चन्द्र प्रभा सूद
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