शनिवार, 20 फ़रवरी 2016

चल मेरे मन मयूर


चल मेरे मन मयूर
ऐसी जगह जहाँ पर
कोई गम न हो रुलाने को
खुशियाँ मिलें सदा हसाने के लिए

दुख की बदली अब
छंटकर बिखर रही है
नया सूरज चमक रहा है
नव जीवन का संदेश लेकर जग में

रात के घने तम को
रवि ने दबोच लिया है
उसे छूमंतर कर दिया है
सबको को प्रकाशित करने लगा है

एक नया आरम्भ है
उठो जागो आगे बढ़ जाओ
तभी आह्लादक दिन बन सकेगा
जीवन का एक नया प्रेरक प्रसंग बनेगा।
चन्द्र प्रभा सूद
Twitter : http//tco/86whejp

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