रविवार, 3 मई 2015

बेमेल विवाह

अपने आसपास हम कई बेमेल या अनमेल जोड़ों को देखते हैं। इन जोड़ों में बहुधा पुरुषों की आयु अधिक होती है और पत्नी कम आयु की होती है। हालांकि यह अपराध नहीं है परन्तु कई बार समस्याओं को भी जन्म दे देती है।
         इस विषय को विद्वानों ने अपने-अपने तरीके से उठाया है। इससे संबंधित कुछ फिल्में भी बनी हैं। टीवी सीरियल से भी यह विषय अछूता नहीं है।
        पत्नी की मृत्यु के पश्चात घर व बच्चों की देखभाल के लिए कम आयु की युवती से विवाह कर लिया जाता है। कभी-कभी युवावस्था में अपने दायित्वों का निर्वहण करते हुए विवाह योग्य आयु कब बीत जाती है युवक को पता ही नहीं चलता। उस परिस्थिति में भी ऐसा बेमेल विवाह हो जाता है। इसके अतिरिक्त वृद्धावस्था के अकेलेपन को दूर करने के लिए भी साधन सम्पन्न ऐसा विवाह कर लेते हैं।
        कई बार साधनहीन लोग दहेज न दे पाने या अन्य किसी मजबूरी के चलते अपनी कम आयु बेटी का विवाह किसी अधेड़ व्यक्ति से करने के लिए विवश हो जाते हैं। लोग प्रायः उन्हें पिता व पुत्री समझ लेते हैं।
       पुरुष यदि अधिक आयु का हो तो वह इसी परेशानी में रहता है कि यदि कहीं उसकी पत्नी को उसका हमउम्र साथी मिल गया और उससे उसे प्यार हो गया तो क्या होगा? इसलिए वह उसकी हर जायज-नाजायज माँग को पूरा करता रहता है। कभी-कभी धन-दौलत के लालच में भी कम आयु की महिला उससे शादी कर लेती है। उसके पीछे प्रायः स्वार्थ ही कारण होता है। स्वार्थपूर्ति के उपरान्त उसकी दशा शोचनीय हो जाती है।
        समाज में ऐसा भी देखा गया है कि अधेड़ आयु पति अपनी पत्नी के अत्याचार व उसका किसी ओर से शारीरिक संबंध तक जग हसाई न हो इस डर से सहन कर लेने को विवश हो जाता है।
        इससे भी बढ़कर त्रासदी यह होती है कि अधेड़ पति के युवा बच्चे उस कम आयु माँ को स्वीकार न करके उससे नफरत करते हैं।
          इस तरह मनों में घुलने वाला जहर किसी की भी हत्या करवा देता है। इसी तरह कभी-कभार पत्नी भी अपने युवा प्रेमी के साथ मिलकर पति की हत्या का पडयन्त्र रच डालती है और फिर सब कुछ लेकर फरार हो जाती है।
       अब हम चर्चा करते हैं जब पत्नी की आयु पति से अधिक होती है। वैसे शादियों के मुहूर्त निकालने वाले मानते हैं कि पत्नी यदि आयु में बड़ी हो तो शुभ होता है। वे दो या अढ़ाई वर्ष तक पत्नी का बड़ा होना अच्छा मानते हैं।
         समस्या तब होती है जब पत्नी दस से बीस वर्ष तक अपने पति से बड़ी होती है। सहानुभूति के कारण या धन-संम्पत्ति के लालच में किए गए इस वैवाहिक संबंध में परेशानियाँ अधिक होती हैं। आयु के अधिक अंतर के कारण पत्नी शीघ्र अधेड़ावस्था में पहुँच जाती है और पति अभी युवा ही रहता है। ऐसी स्थिति में वह कामेच्छाओं की पूर्ति के लिए इधर-उधर भटकने लगता है। विवाहेत्तर संबंध तक बना लेता है। जिसका परिणाम नित्य कलह-क्लेश होता है। जिसका अंत भी किसी एक की हत्या हो सकता है।
        पति या पत्नी कोई भी यदि आयु में वृद्ध है तो उसका परिणाम प्रायः सभी को भुगतना पड़ता है। यदि दोनों की आयु में कम अंतर हो तो गृहस्थी कुछ अधिक सुविधा से चलती है। माता-पिता को चाहिए कि अपने बच्चों के बेमेल विवाह कराने से बचें ताकि उनका और बच्चों की जिन्दगी का सफर सुहाना हो सके।

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