बुधवार, 8 जुलाई 2015

एक्यूप्रेशर चिकित्सा पद्धति 3

एक्यूप्रेशर चिकित्सा पद्धति- 3

एक्यूप्रेशर चिकित्सा पद्धति सीरीज की पिछली दो कड़ियों में हमने विचार किया था कि हाथों और पैरों के कारसपाँडेंट पर शरीर के विभिन्न अवयव आते हैं और शरीर का अपने हाथों पर विभाजन के विषय में विचार किया।
         एक्यूप्रेशर पद्धति में द्रव्य दस कहे गए हैं- आकाश, वायु, अग्नि, जल, पृथ्वी, काल, दिशा, मन, आत्मा और तम। यही माना जाता है कि इनके असंतुलन से बिमारियाँ शरीर को घेर लेती हैं। अब हम देखेंगे कि हाथों की किस अंगुली पर कौन-सा द्रव्य आता है-
दाहिना हाथ (Right hand)-
अंगूठे (Thumb) को शून्य यानि अंक 0 दिया गया है। इस पर तम द्रव्य को रखा गया है।
तर्जनी अंगुली (Index finger) को अंक 4 दिया गया है। इस पर जल द्रव्य को रखा गया है।
मध्यमा अंगुली (Middle finger) को अंक 8 दिया गया है। इस पर मन द्रव्य को रखा गया है।
अनामिका अंगुली (Ring finger) को अंक 5 दिया गया है। इस पर पृथ्वी द्रव्य को रखा गया है।
कनिष्ठिका अंगुली (Small finger) को अंक 1 दिया गया है। इस पर आकाश द्रव्य को रखा गया है।
बाँया हाथ (Left hand)-
अंगूठे(Thumb) को शून्य यानि अंक 9 दिया गया है। इस पर आत्मा(प्रकाश) द्रव्य को रखा गया है।
तर्जनी अंगुली (Index finger) को अंक 3 दिया गया है। इस पर अग्नि द्रव्य को रखा गया है।
मध्यमा अंगुली (Middle finger) को अंक 7 दिया गया है। इस पर दिशा द्रव्य को रखा गया है।
अनामिका अंगुली (Ring finger) को अंक 6 दिया गया है। इस पर काल द्रव्य को रखा गया है।
छोटी या कनिष्ठिका अंगुली (Small finger) को अंक वायु दिया गया है। इस पर तम द्रव्य को रखा गया है।
इसी प्रकार पैरों की अंगुलियों में भी इन दसों द्रव्यों को रखा गया है।
        दोनों हाथों या दोनों पैरों की अंगुलियों पर हर द्रव्य से संबंधित रोग का उपचार दिया जाता है।
        इन द्रव्यों में गड़बड़ होने के कारण बिमारियाँ शरीर में आती हैं। जिस द्रव्य से संबंधित रोग आ जाए उस अंगुलि को दाँयें और फिर बाँए घुमाकर देखने से यदि दर्द अथवा जकड़न की अनुभूति होती हो तो यह इस बात का संकेत है कि उस द्रव्य के असंतुलन के कारण शरीर में समस्या आई है। इसलिए संबंधित अंगुलि पर उपचार दे दिया जाता है।

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