शनिवार, 25 अक्तूबर 2014

हर वस्तु का महत्व

हर वस्तु की हमारे जीवन में अपना ही स्थान व उपादेयता होती है। इसलिए किसी छोटी-से-छोटी वस्तु की भी अवहेलना नहीं करनी चाहिए। उदाहरण के लिए तिनके जैसी तुच्छ चीज जिसको हम फूँक मारकर उड़ा देते हैं, पर जब यही तिनका आँख में गिरता है तो बड़ा कष्ट देता है। कितने समय तक आँख में लाली रहती है, उसमें भयंकर पीड़ा होती है यानी कि- 'पीड़ घनेरी होय।'
       हम अपने घर में देखते हैं कि हम वस्त्रों की सिलाई के लिए हमेशा सुई का प्रयोग करते हैं वहाँ तलवार का प्रयोग नहीं कर सकते। अगर ऐसी मूर्खता करने की सोचेंगे तो जग में हँसी का पात्र बनेंगे।
          हर वस्तु चाहे वह छोटी हो या बड़ी उसका अपना महत्त्व होता है। एक के होते हुए हम दूसरी को नजरअंदाज नहीं कर सकते। हमें घर-परिवार में सभी वस्तुओं की आवश्यकता होती है। किसी एक के भी जरूरत के समय न होने पर हम परेशान हो जाते हैं, जो सामने पड़ता है उस पर झल्लाते हैं, चीखते-चिल्लाते हैं। जब तक आवश्यक वस्तु को हम जुटा नहीं लेते हमें चैन नहीं मिलता।
          इसी प्रकार अपने जीवन में मिलने वाले सभी जनों की भी हमें आवश्यकता होती है। अगर हम यही सोचते रहेंगे कि अमुक व्यक्ति छोटा है हमें उसकी जरूरत क्योंकर पड़ने लगी? तो हम गलत सोचते हैं। घर में कामवाली या नौकर के बिना हम एक दिन बिताने में असहाय अनुभव करते हैं। इसी तरह ड्राइवर, धोबी, माली, प्लंबर, इलेक्ट्रिशियन आदि के बिना भी जिन्दगी नरक बन जाती है।
        मात्र केवल बड़े लोगों से दोस्ती करेंगे और छोटों का तिरस्कार करेंगे तो जीवन दुष्वार हो जाएगा। यही मानकर चलिए कि हमें सबकी आवश्यकता है। इसलिए छोटे लोगों को भी उतना ही सम्मान दें पैर की जूती की तरह न समझें।

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